सनातन संस्कृति समागम

धर्म संसद

गुरूवार 06 अप्रैल से सोमवार 10 अप्रैल 2023 तक
श्री आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ परिसर, छतरपुर, नई दिल्ली

नमो सद्भावना समिति

अति प्राचीन काल से, हमारा समाज वेदों, उपनिषदों, भगवद-गीता, आदि पवित्र पुस्तकों में वर्णित शाश्वत और सार्वभौमिक सत्यों द्वारा स्वरूपित और निर्देशित है। इन सभी शास्त्रों की विषयवस्तु सनातन धर्म को दर्शाती है, सामान्यतः यह के वल एक धर्म ही नहीं बल्कि “अच्छे बनो, अच्छा सोचो और अच्छा करो” के सार्वभौमिक सिद्धांतों के साथ जीवन जीने का एक उत्तम मार्ग है। सरल भाषा में इसे “सद्भावना” कहा जाता है।

वैश्विक भाईचारे के लक्ष्य के साथ वर्ष 2021 में भारतीय सांस्कृतिक संस्था नमो सद्भावना समिति की नींव रखी गई। अन्य लक्ष्यों के अतिरिक्त हमारे प्राचीन वेदों के अनुसार उपयुक्त पवित्र यज्ञ करके इस उद्देश्य को प्राप्त करना इस संस्था का प्रमुख लक्ष्य है। इसी क्रम में समिति लगातार तीसरे वर्ष इस विश्वशांति महायज्ञम के आयोजन का सौभाग्य पाकर अभिभूत है। विगत यज्ञों से ऐसा प्रतीत होता है जैसे इस महायज्ञम से आसपास के परिवेश पर अत्यंत सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इसने न के वल बीज- अंकु रण को गति दी है, बल्कि जिस क्षेत्र में पवित्र अग्नि-अनुष्ठान किया गया था, वहां हवा, पानी और मिट्टी में हानिकारक सूक्ष्म जीवों की उपस्थिति में भी भारी कमी देखी गई है, इस प्रकार यज्ञशाला के आसपास के क्षेत्र (अर्थात, वह क्षेत्र जहां यह दिव्य यज्ञ आयोजित किया जाता रहा है) में शुद्धता आई है।

यह एक विश्व स्तरीय प्रयास है जिसका उद्देश्य सभी देशों, धर्मों, एवं सम्प्रदायों के नागरिकों को शांति, सद्भाव और समृद्धि के लिए एक सार्वभौमिक प्रार्थना में शामिल करना है। सामूहिक पूजा की शक्ति के माध्यम से ब्रह्मांडीय ऊर्जा उत्पन्न करने के साधन के रूप में वेदों में भी निर्धारित, इस समारोह को आजमाया, परखा और सिद्ध किया गया है। अपेक्षित परिणाम यह है कि इस प्रकार सर्वांगीण उत्पन्न सकारात्मकता से पूरा विश्व लाभान्वित हो।

नमो सद्भावना समिति के तत्वावधान में आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर, छतरपुर, दिल्ली में विगत दो वर्षों से विश्वशांति महायगम का आयोजन किया जा रहा है। गत वर्ष के भव्य अवसर पर सनातन धर्म के महान एवं सिद्ध संतों के दिव्य आशीर्वाद से मातादीपथी, पीठाधिपति, शंकराचार्य पीठम एवं अन्य अनेक जनप्रतिष्ठित व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया था। महत्वपूर्ण रूप से तमिलनाडु की मीनाक्षी पीठम, मंत्रालय के राघवेंद्र मट्टम, तमिलनाडु के कु र्तलाम पीठम, आंध्र प्रदेश के तपोवन पीठम (श्रृंगेरी संस्थान), आंध्र प्रदेश के श्री वीरा ब्रह्मेंद्र स्वामी मठ, आदेश अखाड़ा उज्जैनी, तेलंगाना के ललिता पीठम, ज्योतिष मठाधीश बद्रीनाथ उत्तराखंड का पुष्पगिरि मठ, तेलंगाना का हम्पी विजयरण्य मठ, पंचायती अखाड़ा, मध्य प्रदेश का श्री निरंजनी उज्जैनी और जंगमवाड़ी मठ, वाराणसी, यू.पी. पीठाधीश्वर प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

हरियाणा राज्य के माननीय राज्यपाल – श्री बंडारू दत्तात्रेय जी, केंद्रीय मंत्री – संस्कृति और पर्यटन – श्री जी. किशन रेड्डी जी, डीआरडीओ के अध्यक्ष – श्री जी. सतीश रेड्डी जी, अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष – विश्व हिंदू परिषद – श्री आलोक कु मार जी, सुरक्षा जनरल, राम दांत चट्टर, अयोध्या – श्री चंपत राय जी, अशोक सिंघल फाउंडेशन के संस्थापक और ट्रस्टी – श्री महेश भागचंदका जी और कई अन्य प्रसिद्ध उद्योगपति, शिक्षाविद् और सिने जगत के प्रसिद्ध कलाकारों ने भी भाग लिया और अपना बहुमूल्य योगदान और सह साझा किया -कार्यवाही। तनाव-मुक्त, हिंसा-मुक्त समाज बनाने के समिति के दृष्टिकोण की दुनिया भर के लाखों प्रतिभागियों ने सराहना की।

श्री राम कर्मभूमि न्यास सिद्धाश्रम

सांस्कृतिक चेतना, सामाजिक समरसता, समानता, सम्मान और प्रकृति की अनुकूलता के साथ सत्त विकास के जीवन के भारतीय दर्शन को लागू करने के संकल्प को सिद्ध करने के उद्देश्य से बिहार के सिद्धाश्रम, बक्सर में श्री राम कर्मभूमि ट्रस्ट की स्थापना की गई है। भारत की पवित्रतम नदी गंगा के तट पर स्थित यह महान तीर्थ महर्षि विश्वामित्र के संरक्षण तथा अन्य बड़े-बड़े ऋषियों के ज्ञान के आलोक में श्रीराम की शिक्षा-दीक्षा एवं परीक्षा भूमि रहा है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जीवन और आदर्शों को सामने रखते हुए विकास, ज्ञान-विज्ञान और श्रेष्ठ शासन का सदियों पुराना भारतीय मॉडल स्थापित करने के उद्देश्य से बक्सर सिद्धाश्रम की धरती को नवाचार के साथ विश्व स्तरीय जीवंत सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित करना हमारा लक्ष्य है।

यह ट्रस्ट महात्मा गाँधी के आत्मनिर्भर, सक्षम और गौरवशाली भारत के स्वप्नों के साथ-साथ एकात्म मानव दर्शन के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की महान सोच को मूर्त रूप देने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है। ‘राम राज्य’ में कोई दैहिक, दैविक और भौतिक ताप या पीड़ा नहीं थी। सभी मनुष्य एक दूसरे से प्रेम करते थे और वेदों में निर्धारित नीति (मर्यादा) का पालन करते हुए अपने-अपने धर्म का अनुपालन करते थे।

बक्सर की पवित्र भूमि के गौरवशाली इतिहास को राष्ट्र एवं विश्व पटल पर एक बार फिर से लाने के लिए परमपूज्य जगदगुरु श्री रामभद्राचार्य जी, श्री लक्ष्मीप्रपन्न जीयर स्वामीजी एवं श्री अनंताचार्य जी जैसे संतों के मार्गदर्शन में “सनातन संस्कृति समागम – रामराज्य की ओर” एवं “वामनेश्वर श्रीराम कर्म भूमि तीर्थक्षेत्र महाकुंभ सह अंतर्राष्ट्रीय संत सम्मेलन” का बक्सर तीर्थक्षेत्र में कार्तिक शुक्ल पक्ष पूर्णिमा, दिन सोमवार, 7 नवंबर 2022 से मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष सप्तमी दिन मंगलवार, 15 नवंबर 2022 तक भव्य आयोजन किया गया। इस नौ दिवसीय समारोह में श्रीराम कथा ज्ञानयज्ञः, श्रीमद भागवत कथा ज्ञानयज्ञः, श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के साथ श्रीराम सांस्कृतिक लोक उत्सव एवं श्री राम प्रज्ञा यज्ञ का आयोजन हुआ। जिसमें देश- विदेश के शीर्षस्थ वैदिक विद्वानों द्वारा रामराज से समर्थ भारत की ओर, श्रीराम के दिव्य जीवन से सतत विकास के लक्ष्यों की पूर्ति तथा वर्तमान समस्याओं का समाधान, रामराज में सामाजिक समरसता – जैसे विषयों पर गहन मंथन एवं विचार-विमर्श किया गया। इससे जो निस्कर्ष निकला, वह भारत की सांस्कृतिक एकता, पारस्परिक सौहार्द, राष्ट्रीय अखंडता तथा भारत को विश्व की अर्थिक एवं सामरिक महाशक्ति बनने का मार्ग प्रशस्त करेगी। इससे रामराज को यथार्थ करने का स्वप्न भी साकार होगा।

” दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज नहिं काहुहि व्यापा ।
सब नर करहिं परस्पर प्रीती । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीती ॥ “

इस भव्य सांस्कृतिक सम्मेलन में प्रतिदिन लाखों लोगों ने शामिल होकर सामाजिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का रसास्वादन किया एवं इससे मुझमें राम अभियान का पवित्र भाव जन-जन में संचारित हुआ।

सांस्कृतिक कार्यक्रम के इस नौ दिवसीय भव्य समारोह में प्रतिदिन संध्या के समय भारत के अनेक प्रसिद्ध कलाकारों ने जिसमे मुख्य रूप से प्रसिद्ध पार्शव गायक कैलाश खेर, अनुराधा पोडवाल, हंसराज रघुवंशी, मैथली ठाकुर एवं अन्य क्षेत्रिय लोक कलाकारों द्वारा अपने गायन एवं नृत्य प्रतिभा से वहां उपस्थित लोंगा का मन मोह लिया |

06 नवंबर 2022 से 15 नवंबर 2022 के कार्यक्रम में प्रतिदिन मुख्य अतिथि के रूप में भारतवर्ष के अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने गौरवमयी उपस्थिति अंकित कर सहभागिता सुनिश्चित की, जिसमे मुख्य रूप से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के परमपूज्य सरसंघचालक माननीय मोहन भागवत जी, माननीय केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी जी कई राज्यों के राज्यपाल, मंत्रिगण, विख्यात औद्योगिक एवं शिक्षा जगत के गणमान्य व्यक्ति तथा प्रेरणादायक वक्ता आदि उपस्थित होकर लाखों सनातन धर्मप्रिय जनसमूह का मार्गदर्शन किया |

कार्यक्रम विवरणी

क्रमांक संसमयइवेंट्स विवरण
अप्रैल 06, 2023 (शुक्ल पक्ष पूर्णिमा, गुरुवार)
1.9:00 am - 11:00 amयज्ञ शुभारंभ
2.7:00am- 8:30amशोभा यात्रा
3.11:00am-1:00pmसम्मान समारोह
4.2:30 pm - 5:30pmधर्म संसद
(श्रीरामचरितमानस - राष्ट्रीय ग्रंथ)
5.6:30pm - 10:00pmसांस्कृतिक कार्यक्रम
अप्रैल 07, 2023 (कृष्ण पक्ष प्रतिपदा, शुक्रवार)
1.8:00 am - 1:00 pmयज्ञ शुभारंभ
2.2:30 pm - 5:30 pmधर्म संसद (श्रीरामचरितमानस - राष्ट्रीय ग्रंथ)
3.6:30pm - 10:00 pmसांस्कृतिक कार्यक्रम
अप्रैल 08, 2023 (कृष्ण पक्ष द्वितीया, शनिवार)
1.8:00 am - 1:00 pmयज्ञ शुभारंभ
2.2:30 pm - 5:30 pmलोक संसद
(रामराज सामाजिक समरसता)
3.6:30pm - 10:00 pmसांस्कृतिक कार्यक्रम
अप्रैल 09, 2023 (कृष्ण पक्ष तृतीया, रविवार )
1.8:00 am - 1:00 pmयज्ञ शुभारंभ
2.2:30 pm - 5:30 pmविश्व संसद
(रामायण विश्व संसद)
3.6:30pm - 10:00 pmसांस्कृतिक कार्यक्रम
अप्रैल 10, 2023 (कृष्ण पक्ष चतुर्थी, सोमवार)
1.8:00 am - 1:00 pmपूर्णाहुति
2.5:30 pm - 7:00 pmपुरस्कार वितरण समारोह
3.7:30 pm - 10:00 pmसांस्कृतिक कार्यक्रम

सोमवार 7 नवम्बर 2022 से मंगलवार 15 नवम्बर 2022 तक सनातन संस्कृति समागम का कार्यक्रम

राम राज की ओर…

वामनेश्वर श्री राम कर्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महाकुंभ एवं अंतर्राष्ट्रीय संत सम्मेलन

माता अहिल्या घाम, अहिरौली, बक्सर |

कार्यक्रम

गंगा व भारत माता आरती

गंगा गरिमा व पर्यावरण रक्षा संकल्प वाराणसी के विश्व प्रसिद्ध कलाकारों एवं बाबा सत्यनारायण मौर्य द्वारा

प्रतिदिन 7 नवम्बर 2022, कार्तिक शुक्ल पक्ष चतुर्दशी, विक्रम संवत 2079 से 14 नवम्बर 2022, मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष षष्ठ विक्रम संवत 2079, सायं 5:00 से सायं 6:00 बजे तक

श्री राम लोकमंथन ज्ञानोत्सव

विभिन्न सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनैतिक, एवं साहित्यिक शोधकर्ताओं व गणमान्य व्यक्तियों द्वारा

शुभारंभ सोमवार 14 नवम्बर 2022, मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष षष्ठी, विक्रम संवत 2079, प्रातः 10:00 से सायं 5:00 बजे तक

5 दिवसीय चतुष्टय पुरुषार्थ श्री राम ज्ञान यज्ञ, प्रज्ञा प्रवाह द्वारा

मुख्य वक्ता :- डॉ० (श्रीमति) विनोद बाला ‘अरुण’, अध्यक्ष रामायण सेंटर, मॉरीसस

मुख्य अतिथि :- जे० नन्द कुमार, अखिल भारतीय संयोजक, प्रज्ञा प्रवाह

विशिष्ठ अतिथि :- डॉ० सूर्यकांत केलकर, राष्ट्रीय संगठन मंत्री, भारत रक्षा मंच

शुभारंभ : बुधवार, 9 नवम्बर 2022, मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष प्रतिपदा, विक्रम संवत 2079 से पूर्णाहुति : रविवार 13 नवम्बर 2022, मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष पंचमी, विक्रम संवत 2079, अपराह्न 12:00 से 3:00 बजे तक

7 दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ

जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री अनन्ताचार्य जी, वृन्दावन द्वारा

शुभारंभ : बुधवार, 9 नवम्बर 2022, मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष प्रतिपदा, विक्रम संवत 2079 से पूर्णाहुति : मंगलवार 15 नवम्बर 2022, मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष सप्तमी, विक्रम संवत 2079, प्रात: 9:00 से अप, 12:00 बजे तक

7 दिवसीय वैदिक श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ

जगतगुरु रामानुजाचार्य श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी द्वारा

शुभारंभ : बुधवार, 9 नवम्बर 2022, मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष प्रतिपदा, विक्रम संवत 2079, रामरेखा घाट से जलभरी एवं कलशयात्रा प्रातः 9:00 बजे से, प्रतिदिन यज्ञ प्रातः 6:00 बजे से पूर्णाहुति : मंगलवार 15 नवम्बर 2022, मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष सप्तमी, विक्रम संवत 2079, प्रातः 6:00 बजे से अप. 3:00 बजे तक

अंतर्राष्ट्रीय संत सम्मेलन

मुख्य अतिथि : प. पू. सरसंघचालक, रा. स्व. सं. श्री मोहन भागवत जी

शुभारंभ:  मंगलवार, 8 नवम्बर 2022, कार्तिक शुक्ल पक्ष पूर्णिमा, विक्रम संवत 2079, प्रातः 10:00 बजे से सायं 5:00 बजे तक

श्री राम ज्योति छवि प्राकट्य-देव दिपावली

11 लाख रंग-बिरंगे दीपों द्वारा श्री राम कर्मभूमि प्रसंग का विश्व कीर्तिमान बनेगा

शुभारंभ : सोमवार, 7 नवम्बर 2022, कार्तिक शुक्ल पक्ष चतुर्दशी, विक्रम संवत 2079, अपराह्न 3:00 से सायं 6:00 बजे तक

9 दिवसीय श्री राम कथा ज्ञानयज्ञ

पद्मविभूषण जगतगुरु रामानन्दाचार्य स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी द्वारा

शुभारंभ : सोमवार 7 नवम्बर 2022 कार्तिक शुक्ल पक्ष चतुर्दशी, विक्रम संवत 2079 अपराह्न 3:00 से 6:00 बजे तक से पूर्णाहुति : मंगलवार 15 नवम्बर 2022 मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष सप्तमी, विक्रम संवत 2079 अपराह्न 12:00 से 3:00 बजे तक

श्री राम कथा व विराट संत समागम

दिल्ली आवास पर रविवार को बक्सर में प्रस्तावित श्री राम कथा व विराट संत समागम को लेकर बैठक हुई। 7 से 15 नवम्बर तक भगवान श्री राम की शिक्षा दीक्षा व कर्मस्थली में विराट संत समागम व श्री राम कथा होगा। इसमें पूर्व, पश्चिम, उत्तर व दक्षिण से बड़ी संख्या में साधु, संत, धार्मिक व आध्यात्मिक केंद्र के बड़ी संख्या में प्रतिनिधि उपस्थित होंगे।
पद्मविभूषण तुलसीपीठाधीश्वर, चित्रकूट धाम, जगतगुरु रामानंदाचार्य, स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी के श्रीमुख से श्री राम कथा होगा। साथ ही जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी व पूज्यश्री जीयर स्वामी जी के संरक्षण में विराट संत समागम सिद्धाश्रम बक्सर की भूमि पर 15 नवम्बर को आयोजित किया जाएगा।

बक्सर में प्रस्तावित श्री राम कथा व विराट संत समागम को लेकर बैठक हुई।

दिल्ली आवास पर रविवार को बक्सर में प्रस्तावित श्री राम कथा व विराट संत समागम को लेकर बैठक हुई। 7 से 15 नवम्बर तक भगवान श्री राम की शिक्षा दीक्षा व कर्मस्थली में विराट संत समागम व श्री राम कथा होगा। इसमें पूर्व, पश्चिम, उत्तर व दक्षिण से बड़ी संख्या में साधु, संत, धार्मिक व आध्यात्मिक केंद्र के बड़ी संख्या में प्रतिनिधि उपस्थित होंगे।
पद्मविभूषण तुलसीपीठाधीश्वर, चित्रकूट धाम, जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी के श्रीमुख से श्री राम कथा होगा। साथ ही जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी व पूज्यश्री जीयर स्वामी जी के संरक्षण में विराट संत समागम सिद्धाश्रम बक्सर की भूमि पर 15 नवम्बर को आयोजित किया जाएगा। बैठक में वृंदावन से पधारे जगतगुरु स्वामी अनंताचार्य जी महाराज, श्री राम व देशभक्ति की देश व विदेश में अलख जगाने वाले विख्यात श्री राम भक्त कलाकार बाबा सत्यनारायण मोर्या जी, श्री राम परिपथ (संस्कृति मंत्रालय)के अध्यक्ष डॉ राम अवतार शर्मा जी, दरभंगा सांसद गोपाल जी ठाकुर सहित सांस्कृतिक, आध्यात्मिक व सामाजिक संगठनों के आए हुए प्रतिनिधियों का मार्गदर्शन मिला। इस मौके पर श्री श्री रामानुजाचार्य जगतगुरु स्वामी अनंताचार्य जी महाराज ने कहा कि बक्सर बहुत ही पवित्र एवं पावन भूमि है। इस जगह पर विराट संत समागम से इस धरा की पवित्रता दिव्यता के बारे में पूरे देश को पता चलेगा। केंद्रीय मंत्री श्री चौबे द्वारा लगातार इस दिव्य भूमि के प्रचार प्रसार के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। रामायण सर्किट से भी यह जुड़ गया है। श्री राम कर्मभूमि को जोड़ कर उसके बारे में जन मानस को अवगत कराना पुनीत कार्य है। राम परिपथ के अध्यक्ष डॉ राम अवतार शर्मा जी ने कहा कि श्री राम कर्मभूमि न्यास एक महत्वपूर्ण पहल है। इसका मैं स्वागत करता हूं। इस पहल की सराहना करते हुए उन्होंने केंद्रीय मंत्री श्री चौबे को बधाई दी। इस कार्य में अपनी सहभागिता का भी संकल्प लिया। इस मौके पर उन्होंने केंद्रीय मंत्री श्री चौबे को “जहं-जहं चरण पड़े रघुवर के” पुस्तक भी भेंट की। प्रसिद्ध कलाकार बाबा सत्यनारायण मौर्य जी ने कहा कि बक्सर में प्रस्तावित विराट संत समागम ऐतिहासिक होगा। भगवान श्री राम की कर्मभूमि के साथ-साथ शिक्षा दीक्षा की भी भूमि रही है। यहां के बारे में पूरे विश्व में रहने वाले लोगों को जानकारी हो, इसके लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। विराट संत समागम के पहले अयोध्या से बक्सर तक एक यात्रा निकालने का उन्होंने महत्वपूर्ण सुझाव भी दिया है। बैठक में कार्यक्रम को भव्य बनाने, देश के साथ श्रीलंका व अन्य वे स्थान जहाँ भगवान श्री राम की लीलाएं होती है, वहाँ से भी प्रतिनिधि बुलाने पर चर्चा हुई। अयोध्या से बक्सर तक की यात्रा तिथि भी शीघ्र घोषित की जाएगी। मंच संचालन न्यास के न्यासी कृष्ण कांत ओझा ने की। बैठक में सुकमी देवी, नीरज कुमार, रमाकांत रेड्डी, संजय दाना, उमा महेश्वरी राव, पी वेंकेटेश्वर राव, इंजीनियर राम बालक प्रसाद, लेफ्टिनेंट कर्नल अशोक किनी, अरुण कुमार मिश्र, अमरेंद्र पांडेय, सुबोध रस्तोगी, राजीव रंजन तिवारी, डॉ यशोवर्धन पाठक, शांति भूषण जैन, सहित बड़ी संख्या में सामाजिक, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

तिरंगा यात्रा

तिरंगा यात्रा

भारतीय नववर्ष महोत्सव 2022

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि भारतीय नववर्ष का वैज्ञानिक तथा पौराणिक महत्व है। जब यह नववर्ष आता है। हर तरफ हर्ष-उल्लास रहता है। प्रकृति खेतों में अन्न वर्षा करती है। मौसम ख़ुशनुमा होता है। आम के पेड़ों पे मोजर लगा रहता है। नए कार्य की शुरूआत होती है। विश्व में भारत की संस्कृति अद्भुत है।
केंद्रीय राज्यमंत्री श्री चौबे रविवार को किला मैदान में श्री राम कर्मभूमि न्यास द्वारा आयोजित भारतीय नव वर्ष महोत्सव के अवसर पर संसदीय क्षेत्र अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र से आए कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सभी से मुलाकात कर भारतीय नववर्ष की शुभकामनाएं दी। केंद्रीय राज्य मंत्री श्री चौबे ने कहा कि नई पीढ़ी को और अधिक भारतीय संस्कृति के करीब आने का सभी को प्रयास करना है। इस तरह के महोत्सव से बच्चे, अपनी संस्कृति से जुड़ते हैं। उन्होंने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। भोजपुरी गायक विष्णु ओझा, गोपाल राय, अशोक मिश्रा ने अपनी प्रस्तुति से समां बांध दी। उनकी गीतों पर दर्शक झूमते रहे। कार्यक्रम में बक्सर सहित डुमराव, रामगढ़, दिनारा राजपुर, ब्रह्मपुर सभी विधानसभा क्षेत्रों से कार्यकर्ता पहुंचे। मंच संचालन शशि बावला ने किया।

रामायण ट्रेन

रामायण ट्रेन

बक्सर में नेत्र शिविर

बक्सर में नेत्र शिविर